चारधाम यात्रा – शुरुआती 15 दिन वीआईपी दर्शन टालने का शासन ने लिया फैसला

यात्रा मार्ग पर सफाई व्यवस्था को लेकर 700 कर्मियों की रहेगी तैनाती

प्रशासन के स्तर से की जाएगी 4000 घोड़े-खच्चरों की निगरानी 

देहरादून। चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। चुनावी व्यस्तता के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यात्रा तैयारियों की नियमित मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही अधिकारियों से भी इस संबंध में नियमित रूप से संपर्क में बने हुए हैं। इस बार की चारधाम यात्रा और भी अधिक दिव्य और भव्य हो एवं आम श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके मद्देनजर राज्य सरकार के स्तर से पुख्ता कार्यवाही की जा रही है। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस आशय का पत्र भेजा गया है कि यात्रा के शुरुआती 15 दिनों(विशेष रूप से केदारनाथ धाम) में वीवीआइपी दर्शनों को जितना हो सके टाला जाए। ताकि आम श्रद्धालुओं को दर्शनों में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। साथ ही इस संबंध में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भी सूचित किया जा रहा है।

गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि हेली सेवाओं में किसी भी तरह की कालाबाजारी एवं ठगी जैसी घटनाएं न हो सकें, यह सुनिश्चित करने हेतु इस बार केवल आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट से टिकटों की बुकिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा उन्होंने आमजन से भी अपील की है कि वे राज्य सरकार द्वारा अधिकृत आईआरसीटीसी से ही हेली बुकिंग करें। 20 स्थानों पर पार्क हो सकेंगे 1495 वाहन, एप के माध्यम से होगी मॉनिटरिंग

केदारनाथ यात्रा को लेकर इस बार राज्य सरकार की ओर से वृहद तैयारियां की गई हैं। गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि इस बार गत वर्ष की तुलना में हर प्रकार से श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है। गत वर्ष केदारनाथ में जहां कुल 9 पार्किंग का संचालन किया जा रहा था तो उस बार कुल 20 स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यहां 1495 वाहनों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। पहली बार वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए एप बनाई गई है।

700 सफाई कर्मियों की रहेगी तैनाती

यात्रा मार्ग पर सफाई व्यवस्था को लेकर भी बेहतर इंतजाम किए गए हैं। गत वर्ष जहां 617 सफाई कर्मियों को इस कार्य में लगाया गया था तो इस बार कुल 700 कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। यात्रा रूट में पहली बार चार नए हाई टेक मॉड्यूलर शौचालय एवं 4 नए मोबाइल मॉड्यूलर शौचालय की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त एक रोड स्वीपिंग मशीन भी सफाई कार्य में लगाई जाएगी।

पूरी तरह से निगरानी में रहेंगे घोड़े-खच्चर

इस बार यात्रा रूट पर चलने वाले सभी 4000 घोड़े-खच्चरों की निगरानी भी प्रशासन के स्तर से की जाएगी। गत वर्ष तक आंशिक रूप से मॉनिटरिंग का कार्य किया जाता था। इसके अलावा हॉकर्स के लिए पहली बार पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, स्वास्थ्य जांच के साथ ही 30 टन क्षमता का वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट सोनप्रयाग में बनाने के साथ ही डंपिंग ग्राउंड की व्यवस्था की गई है। इस बार रोस्टर प्रणाली के संचालन की भी व्यवस्था की जा रही है। इस बार घोड़े-खच्चरों के लिए 24 घंटे संचालित कुल 15 पानी की चरी संचालित की जाएंगी। इसके अलावा, घोड़े-खच्चरों के साथ चलने वालों के लिए 197 लोगों की क्षमता की दो डोरमेट्री की व्यवस्था की गई है।

सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क चौड़ीकरण

सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क मार्ग को गत वर्ष की तुलना में और भी बेहतर कर दिया गया है। अधिकांश स्थानों पर 5 से 8 मीटर तक सड़क का चौड़ीकरण किया गया है।

स्वास्थ्य सुविधाओं में किया गया इजाफा

स्वास्थ्य सुविधाओं में भी इस बार अपेक्षित सुधार किया गया है। कुल 5 एम्बुलेंस की तैनाती के साथ ही पहली बार 3 गोल्फ कार्ट तैनात की जा रही है। गढ़वाल कमिश्नर महोदय ने बताया कि ऐसा प्रथम बार किया जा रहा है कि स्थानीय व्यवस्थाओं को न छेड़ते हुए सभी चिकित्सकों की व्यवस्था इससे इतर की जा रही है ताकि स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से परेशानी न झेलनी पड़े। वहीं, लगभग 18 स्थानों पर स्वास्थ्य जांच केंद्र संचालित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने से पहले लोगों को चाहिए कि वे अपनी स्वास्थ्य जांच के बाद ही यात्रा पर आएं।

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