राष्ट्रीय – India Times Group https://indiatimesgroup.in News App of India Fri, 07 Jun 2024 09:01:21 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.1 https://indiatimesgroup.in/wp-content/uploads/2024/02/cropped-India-Times-Group-Logo-512x512-1-32x32.png राष्ट्रीय – India Times Group https://indiatimesgroup.in 32 32 वायनाड या रायबरेली? यहां जानें कौन सी सीट छोड़ेगें राहुल गांधी https://indiatimesgroup.in/wayanad-or-rae-bareli-know-here-which-seat-rahul-gandhi-will-leave/ https://indiatimesgroup.in/wayanad-or-rae-bareli-know-here-which-seat-rahul-gandhi-will-leave/#respond Fri, 07 Jun 2024 09:01:21 +0000 https://indiatimesgroup.in/?p=4654

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2024 में केरल के वायनाड और यूपी की रायबरेली सीट से चुनाव जीते हैं. नियम के मुताबिक उन्हें वह एक जगह के सांसद बने रह सकते हैं. चुनाव जीतने के साथ ही इस बारे में जानने के लिए जनता उत्सुक थी कि राहुल कौन सी सीट से सांसद बने रहेंगे. अब इस बारे में फैसला ले लिए जाते की सूचना है. सूत्रों से खबर मिली है कि राहुल गांधी वायनाड छोड़ रायबरेली से सांसद बने रहेंगे. इसके लिए प्रदेश नेतृत्व की ओर से केंद्रीय कमेटी को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. यूपी कांग्रेस की टीम की तरफ से इस बारे में प्रस्ताव भेजा जाएगा।

लोकसभा चुनाव में रायबरेली और वायनाड की सीटों पर भारी जीत दर्ज करने के बाद व राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने अभी तक यह तय नहीं किया है कि दोनों में से कौन सी सीट बरकरार रखेंगे।

रायबरेली से करीब 4 लाख, वायनाड पर साढ़े 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीते
राहुल गांधी ने रायबरेली की सीट पर बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह को 3,90,030 वोटों के अंतर से हराया. गांधी ने 2019 में अमेठी हारने के बाद राज्य में पार्टी के एकमात्र गढ़ को बचाने के लक्ष्य से इस सीट से चुनाव लड़ा था. कांग्रेस नेता ने वायनाड की सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी की उम्मीदवार एनी राजा को 3,64,422 वोटों से हराया है।

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भाजपा सांसद कंगना रनौत को सीआईएसएफ की महिला गार्ड ने मारा थप्पड़, मचा बवाल https://indiatimesgroup.in/bjp-mp-kangana-ranaut-was-slapped-by-a-cisf-woman-guard-causing-a-ruckus/ https://indiatimesgroup.in/bjp-mp-kangana-ranaut-was-slapped-by-a-cisf-woman-guard-causing-a-ruckus/#respond Fri, 07 Jun 2024 05:24:23 +0000 https://indiatimesgroup.in/?p=4642

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाली बीजेपी की सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर एक CISF की महिला जवान ने थप्पड़ मारा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक महिला ऑफिसर को हिरासत में ले लिया गया है. नई नवेली सांसद बनी कंगना नरौत मंडी से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद गुरुवार को दिल्ली आ रही थीं. कंगना रनौत ने इस घटना के बाद सीआईएसएफ की गार्ड के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की है और तुरंत बर्खास्त करने की भी बात कही है. कंगना रनौत ने लोकसभा चुनाव में मंडी की सीट पर कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को भारी मतों से हाराया और पहली बार सांसद बनीं।

बताया जा रहा है कि कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली गार्ड का नाम कुलविंदर कौर है, वो किसानों को लेकर दिए गए बयान से एक्ट्रेस से नाराज थी. किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत ने कई ऐसे बयान दिए थे, जिसे लेकर महिला गार्ड काफी नाराज थी, जिसकी वजह से उसने कंगना रनौत पर हाथ उठा दिया।

कांस्टेबल-रैंक की सीआईएसएफ गार्ड कुलविंदर कौर ने कथित तौर पर तलाशी के दौरान चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर कंगना को थप्पड़ मार दिया. आगे की जांच करने के लिए वरिष्ठ सीआईएसएफ अधिकारियों की एक जांच समिति गठित की गई है. गौरतलब है कि 37 वर्षीय कंगना अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपनी तीखी टिप्पणियों के लिए भी जानी जाती हैं. उन पर फिल्म उद्योग के दिग्गज जावेद अख्तर ने मानहानि का मुकदमा किया था।

 

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एक दिन आगे बढ़ी पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख https://indiatimesgroup.in/the-date-of-pm-modis-swearing-in-ceremony-extended-by-one-day/ https://indiatimesgroup.in/the-date-of-pm-modis-swearing-in-ceremony-extended-by-one-day/#respond Fri, 07 Jun 2024 05:14:39 +0000 https://indiatimesgroup.in/?p=4639

अब इस दिन तारीख को होगा शपथ ग्रहण समारोह 

लगातार तीसरी बार लेंगे पीएम पद की शपथ 

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने के बाद से ही हर कोई इस बात का इंतजार कर रहा है कि आखिर नई सरकार कब बनेगी. किसी दिन नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. दरअसल ऐसा लगातार तीसरी बार होगा जब नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेंगे. लोकसभा चुनाव के परिणाम तो 4 जून को घोषित हो गए लेकिन अब तक शपथ ग्रहण समारोह की तारीख को लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं मिल रही है. इस बीच खबर आई है कि नरेंद्र मोदी की 8 जून को शपथ टल गई है. जी हां अब मोदी 8 जून को शपथ नहीं लेंगे।

एनडीए की तीसरी सरकार का गठन और शपथ ग्रहण समारोह अब एक दिन आगे बढ़ गया है. सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक नरेंद्र मोदी 9 जून रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके साथ कुछ केंद्रीय मंत्री भी शपथ ले सकते हैं. इनमें अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी से लेकर टीडीपी और जेडीयू के कुछ सांसद भी शामिल होंगे।

बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल तय करने को लेकर लगातार मंथन और बैठकों का दौर चल रही है. इसी कड़ी में गुरुवार को बीजेपी नेता जेपी नड्डा के निवास पर सुबह से ही मीटिंग हो रही है. इस दौरान किस दल को क्या मंत्रालय दिया जाए इसको लेकर भी विचार हो रहा है. एनडीए के कुछ सांसद शुक्रवार को भी बैठक करेंगे. इस दौरान औपचारिक रूप से नरेंद्र मोदी को अपना नेता भी चुना जाएगा।

नरेंद्र मोदी भले ही तीसरी बार पीएम पद की शपथ ले रहे हैं. लेकिन इस बार समीकरण अलग हैं. पहले दो टर्म में बीजेपी अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी थी, लेकिन इस बार बीजेपी के पास 241 सीट हैं. यानी उनकी निर्भरता सहयोगी दलों पर बढ़ गई है। वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन भी 234 सीट हासिल कर चुका है, लिहाजा दोनों ओर से सरकार बनाने के प्रयास हो रहे हैं, ऐसे में जरूरी है कि जितना जल्दी हो सके सरकार बना ली जाए। यही कारण है कि इस बार पीएम मोदी 5 दिन में ही सरकार बना लेंगे. हालांकि इससे पहले 2019 में पीएम मोदी ने नतीजे आने के 7 दिन बाद सरकार बनाई थी, जबकि इससे पहले यानी वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिजल्ट आने के 10 दिन बाद सरकार बनाई थी।

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देश के कई राज्यों में झमाझम बरसे मेघ, भीषण गर्मी से लोगों को मिली राहत  https://indiatimesgroup.in/heavy-rains-in-many-states-of-the-country-people-got-relief-from-scorching-heat/ https://indiatimesgroup.in/heavy-rains-in-many-states-of-the-country-people-got-relief-from-scorching-heat/#respond Thu, 06 Jun 2024 05:12:27 +0000 https://indiatimesgroup.in/?p=4608

नई दिल्ली। उत्तर भारत में अभी गर्मी का कहर जारी है, हालांकि पिछले कुछ दिनों से गर्मी से थोड़ी राहत जरूर मिली है. इसी बीच देश के कई राज्यों में बुधवार को झमाझम बारिश होने से मौसम खुशनुमा हो गया। हालांकि दिल्ली एनसीआर में अब भी गर्मी का सितम जारी है। उधर केरल और पूर्वोत्तर के राज्यों में पिछले हफ्ते ही मानूसन दस्तक दे चुका है. इस बीच बुधवार को हुई बारिश से लोगों को गर्मी से जरूर राहत मिल गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को अगले तीन घंटों के दौरान देश के कई हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की थी।

इस दौरान पूर्वोत्तर के राज्य असम के कई इलाकों में बारिश हुई. शहर में बारिश के बाद गुवाहाटी के कई हिस्सों में पानी भर गया. उधर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मनाली के कुछ हिस्सों में भी बारिश हुई. आईएमडी ने एक्स पर एक पोस्ट कर बताया कि, “उत्तर-पूर्व बिहार, पश्चिम मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कर्नाटक, तेलंगाना, दक्षिण रायलसीमा, केरल, तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

अगले 3 घंटों के दौरान दक्षिण छत्तीसगढ़, झारखंड और दक्षिण ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में भी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा चेन्नई शहर में भी बुधवार को भारी बारिश हुई, जबकि कर्नाटक के हुबली में हल्की बारिश दर्ज की गई. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में चल रही गर्मी की स्थिति और मानसून की शुरुआत की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।

इस साल मॉनसून की शुरुआत दो दिन पहले हुई है क्योंकि इसकी शुरुआत की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल, केरल में बड़े पैमाने पर प्री-मॉनसून बारिश हुई। 2023 में मानसून सीजऩ (जून-सितंबर) के दौरान पूरे देश में वर्षा हुई, इसकी लंबी अवधि के औसत का 94 प्रतिशत बारिश हुई थी।

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19 जून तक बढ़ी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत https://indiatimesgroup.in/delhi-cm-arvind-kejriwals-judicial-custody-extended-till-june-19/ https://indiatimesgroup.in/delhi-cm-arvind-kejriwals-judicial-custody-extended-till-june-19/#respond Thu, 06 Jun 2024 04:56:01 +0000 https://indiatimesgroup.in/?p=4605

नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से बुधवार (5 जून) को इनकार कर दिया. कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने चिकित्सा आधार पर 7 दिनों की अंतरिम जमानत की मांग करने वाली केजरीवाल की याचिका खारिज कर दिया है. केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 19 जून तक बढ़ा दी गई है।

उनकी नियमित जमानत याचिका पर 7 जून को सुनवाई होनी है. अरविंद केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान प्रचार के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी. इसके एक दिन बाद उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल के लिए सेहत से जुड़े टेस्ट के लिए कुछ निर्देश पारित किए गए हैं. वीसी के जरिए तिहाड़ जेल से कोर्ट में पेश किए गए केजरीवाल को 19 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. अब उन्हें 19 जून को दोपहर 2 बजे अवकाश न्यायाधीश के सामने पेश किया जाएगा।

केजरीवाल की तरफ से पेश वकील विवेक जैन ने कहा कि केजरीवाल के वजन में कुछ कमी आई हैं. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से उचित आवेदन दायर किया जाए और स्पष्ट किया जाए कि वह किस राहत की मांग कर रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पेश SGI तुषार मेहता ने प्रारंभिक आपत्तियां उठाई थीं और कहा था कि अंतरिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

]]> https://indiatimesgroup.in/delhi-cm-arvind-kejriwals-judicial-custody-extended-till-june-19/feed/ 0 राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के बावजूद अयोध्या में क्यों हारी भाजपा? https://indiatimesgroup.in/why-did-bjp-lose-in-ayodhya-despite-building-a-temple-on-ram-janmabhoomi/ https://indiatimesgroup.in/why-did-bjp-lose-in-ayodhya-despite-building-a-temple-on-ram-janmabhoomi/#respond Wed, 05 Jun 2024 09:11:18 +0000 https://indiatimesgroup.in/?p=4591

अयोध्या। लोकसभा चुनावों के नतीजे घोषित हो चुके हैं। यूपी में बीजेपी को करारा झटका लगा है। यहां की 80 सीटों में सपा को 37, बीजेपी को 33, कांग्रेस को 6, आरएलडी को 2, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) को एक और अपना दल (सोनेलाल) को एक सीट मिली है।

यूपी में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले आंकड़े अयोध्या से सामने आए हैं। अयोध्या में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद 54,567 वोटों से जीते हैं। उन्हें कुल 5,54,289 वोट मिले। जबिक बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह को 4,99,722 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बसपा के सच्चिदानंद पांडे रहे, उन्हें 46,407 वोट मिले।

बीजेपी ने राम मंदिर के मुद्दे पर देशभर में माहौल बनाया था और उसे उम्मीद थी कि इसका फायदा उसे यूपी के लोकसभा चुनावों में मिलेगा। लेकिन बीजेपी की ये रणनीति न सिर्फ यूपी में धराशायी हो गई बल्कि अयोध्या में भी उसे बिल्कुल विपरीत नतीजे मिले।

जनता के बीच भी ये चर्चा जोरों पर है कि जिस अयोध्या में बीजेपी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का इतना बड़ा आयोजन किया और इस इवेंट को दुनियाभर में हाईलाइट किया, वहां से वह हार गई।

अयोध्या में पीएम मोदी खुद गए, सीएम योगी ने भी कई दौरे किए, देशभर की हस्तियों को यहां बुलाया गया, फिर भी बीजेपी यहां से जीत हासिल नहीं कर सकी।

अयोध्या में क्यों हारी भाजपा
दरअसल अयोध्या में पासी बिरादरी बड़ी संख्या में है। ऐसे में सपा ने पासी चेहरे अवधेश प्रसाद को अयोध्या में अपना उम्मीदवार बनाया। यूपी की सियासत में अवधेश प्रसाद दलितों का एक बड़ा चेहरा हैं और उनकी छवि एक जमीनी नेता की है। सपा को अयोध्या में दलितों का खूब वोट मिला। तो वहीं सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद की अयोध्या की जनता पर अच्छी पकड़ है। इस बात का अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि वह 9 बार के विधायक हैं और मंत्री भी रहे हैं। वह समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं।

अयोध्या से बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह वही नेता हैं, जिन्होंने कहा था कि मोदी सरकार को 400 सीट इसलिए चाहिए क्योंकि संविधान बदलना है। उनके इस बयान का खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा। लल्लू सिंह अयोध्या से 2 बार से सांसद हैं। बीजेपी ने उन्हें तीसरी बार उम्मीदवार बनाया। जबकि जनता के बीच लल्लू को लेकर काफी नाराजगी दिखी क्योंकि अयोध्या के आस-पास के इलाकों में विकास के कार्य नहीं हुए। राम मंदिर पर फोकस्ड होने की वजह से जनता के मुद्दे पीछे छूटते गए। जिसका असर ये हुआ कि लल्लू को कम वोट पड़े।

राम मंदिर निर्माण के लिए घर और दुकान तोड़े गए
अयोध्या में 14 किलोमीटर लंबा रामपथ बनाया गया। इसके अलावा भक्ति पथ और रामजन्मभूमि पथ भी बना। ऐसे में इसकी जद में आने वाले घर और दुकानें टूटीं लेकिन मुआवजा सभी को नहीं मिल सका। मुआवजा केवल उन्हें मिला, जिसके पास कागज थे। ऐसे में लोगों के बीच नाराजगी थी। जिसे उन्होंने वोट न देकर जाहिर किया।

अयोध्या में आरक्षण भी बहुत बड़ा मु्द्दा रहा क्योंकि बीजेपी नेताओं की बयानबाजी से जनता के बीच ये मैसेज गया कि बीजेपी आरक्षण को खत्म कर देगी। संविधान को बदल देगी। ऐसे में वोटरों का एक बड़ा तबका सपा की ओर चला गया।

 

 

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सपा देश की तीसरी बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर आई सामने, यूपी में जीती 37 सीटें https://indiatimesgroup.in/sp-emerged-as-the-third-largest-party-in-the-country-won-37-seats-in-up/ https://indiatimesgroup.in/sp-emerged-as-the-third-largest-party-in-the-country-won-37-seats-in-up/#respond Wed, 05 Jun 2024 05:47:53 +0000 https://indiatimesgroup.in/?p=4576

जातीय गोलबंदी की रणनीति से सपा को मिली सफलता 

लखनऊ। सपा ने लोकसभा आम चुनाव में अब तक के अपने इतिहास में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। उसने कुल 37 सीटें जीतीं। इस तरह सपा देश की तीसरी बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई है। धार्मिक मुद्दों के बजाय जातीय गोलबंदी और यादवों-मुस्लिमों पर कम दांव की रणनीति से सपा को यह सफलता मिली। सपा ने पिछला लोकसभा चुनाव बसपा के साथ लड़ा था। तब उसे महज पांच सीटें मिली थीं। राजनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण यूपी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विपक्ष के अभियान का नेतृत्व किया। सपा ने गठबंधन के तहत 62 सीटों पर चुनाव लड़ा। 17 सीटें कांग्रेस और एक सीट तृणमूल कांग्रेस को दी। सीट शेयरिंग की यह रणनीति काफी कारगर साबित हुई। कांग्रेस के साथ साझेदारी करने के चलते सपा मतदाताओं को यह मनोवैज्ञानिक संदेश देने में सफल रही कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का विकल्प मौजूद है।

2019 के चुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह ही सपा से अलग थे, लेकिन इस बार परिवार की एकजुटता से भी अच्छा संदेश गया। सपा ने प्रत्याशी तय करने में पीडीए फार्मूले का भी पूरा ध्यान रखा। अपना आधार वोट माने जाने वाले यादवों और मुस्लिमों से ज्यादा कुर्मी बिरादरी के प्रत्याशी उतारे। ब्राह्मण व ठाकुर समेत सामान्य जाति के प्रत्याशियों को भी प्रतिनिधित्व दिया। अखिलेश का यह दांव बिल्कुल सही बैठा और पार्टी को अप्रत्यशित सफलता मिली। अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों से खुद को और अपनी पार्टी को दूर रखा। बहुत ही सधे अंदाज में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर सीधे कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

इतना ही नहीं इटावा में विशाल मंदिर का निर्माण प्रारंभ कराया। इससे भाजपा को धार्मिक मुद्दों पर उन्हें घेरने का मौका नहीं मिला। साथ ही जातीय गोलबंदी के लिए संविधान और आरक्षण के मुद्दे को प्रमुखता दी। पेपर लीक और अग्निवीर के सहारे बेरोजगारी की समस्या से बड़ी चोट की। इस रणनीति ने उन्हें सफलता के शिखर पर पहुंचाया। 2004 में जीती थीं 35 सीटें सपा ने वर्ष 2014 के लोकसभा आम चुनाव में 35 सीटें जीती थीं। इस लोकसभा चुनाव में सपा उससे भी अच्छा प्रदर्शन करने की ओर बढ़ रही है।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गढ़ में साइकिल पूरी गति से दौड़ी। यादवलैंड की छह सीटों में मैनपुरी का रुतबा बरकरार रहा, जबकि सपा ने भाजपा से चार सीटें छीन लीं। सभी सीटों पर वोटबैंक बढ़ाने में भी कामयाब रही, जबकि फर्रुखाबाद में भाजपा तीसरी बार जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाने में कामयाब रही।
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किसी भी दल को नहीं मिला स्पष्ट बहुमत,नहीं चला मोदी का जादू, बिगड़ गया एनडीए का गणित https://indiatimesgroup.in/no-party-got-a-clear-majority-modis-magic-did-not-work-ndas-math-went-haywire/ https://indiatimesgroup.in/no-party-got-a-clear-majority-modis-magic-did-not-work-ndas-math-went-haywire/#respond Wed, 05 Jun 2024 05:44:21 +0000 https://indiatimesgroup.in/?p=4572

241 सीटों के आसपास सिमटी बीजेपी

चुनाव के नतीजों ने बिगाड़ा भाजपा का पूरा गणित

नई दिल्‍ली। लोकसभा चुनाव के नतीजों और रूझानों से स्पष्ट हो गया है कि इस बार के चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है।  भाजपा 241 सीटों के आसपास सिमटती दिख रही है।  हालांकि उसके नेतृत्व वाले एनडीए को 292 सीटों पर जीत या बढ़त हासिल है।  बीते 2019 और 2014 के चुनाव में भाजपा को अपने दम पर बहुमत मिला था और नरेंद्र मोदी एक मजबूत सरकार के नेता बनकर उभरे थे। लेकिन, इस चुनाव के नतीजों ने भाजपा का पूरा गणित बिगाड़ दिया है।  एनडीए के बहुमत हासिल करने के बावजूद उसके घटक दलों का इतिहास रहा है कि वे पीएम मोदी के नेतृत्व के साथ सहज नहीं रहे हैं।  इसमें सबसे पहला नाम बिहार के सीएम और जदयू के नेता नीतीश कुमार का आता है।

मोदी के साथ तस्वीर पर भड़के थे नीतीश
नीतीश कुमार वैसे तो वाजपेयी-आडवाणी के दौर से एनडीए के हिस्सा हैं लेकिन वह पीएम मोदी को लेकर कभी भी सहज नहीं रहे हैं।  बात 2009 की है जब पंजाब के जालंधर में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर हाथ उठाते नीतीश कुमार की एक तस्वीर मीडिया में आ गई थी तो इतनी सी बात पर नीतीश कुमार भड़क गए थे।  उस समय बिहार के कोशी नदी में भयंकर बाढ़ आई थी और उस बाढ़ में बचाव और राहत कार्य के लिए गुजरात की सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसे भेजे थे।  मोदी से साथ तस्वीर छपने भर से नीतीश इतना नाराज हुए कि उन्होंने ये पैसे वापस कर दिए थे।

बात 2013 की
फिर बात 2013 की आई जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार अभियान का प्रमुख बनाने की घोषणा की तो नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए।  मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जीतनराम मांझी को सीएम बना दिया।  2014 के लोकसभा में भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़े।  इस चुनाव में जदूय दो सीटों पर सिमट गई थी।  फिर राजद के बाहरी समर्थन से कुछ दिनों तक सरकार चलाई और 2015 में राजद के साथ मिलकर बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा और उसमें प्रचंड जीत हासिल की।  लेकिन, फिर राजद के साथ भी उनके रिश्ते ठीक नहीं रहे और उन्होंने 2017 में ‘मजबूरी’ में नरेंद्र मोदी को नेता मान लिया और एनडीए में शामिल हो गए।  हालांकि उसके बाद से नीतीश कई बार एनडीए के अंदर और बाहर आ-जा चुके हैं।

ये नीतीश का समय
इस चुनावी नतीजे में बीते करीब एक दशक में पहली बार ऐसा हुआ है जब नीतीश एनडीए के भीतर खासकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ बार्गेन करने की स्थिति में हैं।  हालांकि उनके पास केवल 12 सीटें हैं लेकिन एनडीए को बहुमत दिलाने में ये 12 सीटें अहम हैं।

हालांकि यह नहीं कहा जा सकता है कि आज की तारीख में नीतीश कुमार की जदयू नरेंद्र मोदी का विरोध करने की स्थिति में हैं।  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही अभी भी भाजपा 241 सीटों पर आगे हैं।  उसे 272 के जादुई आंकड़े के लिए केवल 31 सीटें चाहिए।  नौतिक तौर पर जरूर भाजपा कमजोर हुई है, क्योंकि उसने खुद के लिए 370 का टार्गेट तय किया था।  लेकिन, उससे करीब 130 सीटें कम मिली है।  इसकी तुलना में जदयू के पास ऐसी ताकत नहीं है जिससे वह मोदी के नेतृत्व पर सवाल उठाए।

नीतीश करेंगे कोई बड़ी डील?
यह निश्चित तौर कहा जा सकता है कि इस बार मोदी कैबिनेट में मंत्रायल के लिए सीएम नीतीश की पार्टी ज्यादा बार्गेन करने करने की स्थिति में होगी।  साथ ही दूसरी तरफ बिहार में कम विधायक होने के बावजूद मुख्यमंत्री पद संभालने वाले नीतीश कुमार प्रदेश भाजपा नेतृत्व को भी अपने ऊपर हावी होने से रोकने में कामयाब होंगे।  2019 के चुनाव ‘उचित’ प्रतिनिधित्व नहीं मिलने की कारण जदयू एनडीए में होने के बावजूद मोदी सरकार में शामिल नहीं हुई थी।

कुल मिलाकर ऐसा कहा जा सकता है कि फिलहाल की स्थिति में 241 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है और उसके नेता नरेंद्र मोदी हैं।  लोकप्रियता के मामले में उनसे मुकाबला करने के लिए कोई दूसरा नेता न तो भाजपा में दिख रहा है और न ही एनडीए में। जिन लोगों का लगता है कि भाजपा की 241 सीटें कम है तो उनको पता होना चाहिए कि इसी देश में 1991 में स्वर्गीय नरसिम्हा राव की सरकार बनी थी जो अल्पमत की सरकार थी लेकिन पांच साल तक चली थी।  उसके पीछे नरसिम्हा राव की रणनीति थी।

 उन्हें कभी भी विपक्ष के तीव्र विरोध का सामना नहीं करना पड़ा।  साथ ही अटल-आडवाणी के नेतृत्व वाली भाजपा के पास वैकल्पिक सरकार देने का रास्ता नहीं था।  राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस को 232 सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा को 120 और जनता दल को 59 सीटें आईं थीं।  बावजूद इसके नरसिम्हा राव की सरकार पूरे पांच साल चली थी।

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नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में तीसरी बार अपनी ऐतिहासिक जीत की दर्ज https://indiatimesgroup.in/narendra-modi-registered-a-historic-victory-in-varanasi-for-the-third-time/ https://indiatimesgroup.in/narendra-modi-registered-a-historic-victory-in-varanasi-for-the-third-time/#respond Tue, 04 Jun 2024 11:50:19 +0000 https://indiatimesgroup.in/?p=4566

वाराणसी। पूर्वांचल की सबसे हॉट सीट वाराणसी में नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार अपनी ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इंडी गठबंधन प्रत्याशी अजय राय को उन्होंने तीसर मर्तबा मात दी है। वहीं बसपा प्रत्याशी अतहर जमाल लारी सियासी जंग से बाहर दिखे।

वाराणसी में कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहे। भाजपा के नरेंद्र मोदी और इंडी गठबंधन के अजय राय के बीच मुकाबला काफी टक्कर वाला था। दूसरी तरफ, मोदी की जीत के बाद काशी में जश्न का माहौल छा गया। बीती रात से भाजपाजनों ने बड़े स्तर पर लड्डू के ऑर्डर दे दिए थे।

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गांधीनगर लोकसभा सीट से अमित शाह की जीत पक्की, जल्द हो सकता है औपचारिक ऐलान https://indiatimesgroup.in/amit-shahs-victory-from-gandhinagar-lok-sabha-seat-is-confirmed-formal-announcement-may-be-made-soon/ https://indiatimesgroup.in/amit-shahs-victory-from-gandhinagar-lok-sabha-seat-is-confirmed-formal-announcement-may-be-made-soon/#respond Tue, 04 Jun 2024 09:50:46 +0000 https://indiatimesgroup.in/?p=4560

गुजरात। गांधीनगर लोकसभा सीट पर अमित शाह की जीत एक तरह से पक्की हो गई है. वो साढ़े 6 लाख वोटों से आगे चल रहे हैं. उनकी जीत का बस औपचारिक ऐलान होना बाकी रह गया है. गांधीनगर सीट हॉट सीटों में से एक मानी जाती है. इस सीट पर भाजपा लगातार तीन दशकों से जीत दर्ज करती आ रही है. साल 1989 से ही इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है. इस लिहाज से इसे बीजेपी का गढ़ भी माना जाता है. इस सीट का प्रतिनिधित्व बीजेपी के लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज नेता कर चुके हैं। बीजेपी ने लगातार दूसरी बार गांधीनगर से अमित शाह को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने अमित शाह के खिलाफ अपनी गुजरात महिला इकाई की अध्यक्ष सोनल पटेल को मैदान में उतारा है. साल 2019 में अमित शाह ने रिकॉर्ड 5 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी का रिकॉर्ड तोड़ा था. उन्होंने 4.83 लाख वोटों से चुनाव जीता था।

अमित शाह को मिली थी बंपर जीत
गांधीनगर सीट पर 7 मई को मतदान हुआ था. इस बार यहां 59.80 प्रतिशत वोटिंग हुई है.अमित शाह ने पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवा डॉ सी जे चावड़ा को हराया था. शाह को जहां 8,94,624 वोट मिले थे. वहीं चावड़ा को 3,37.610 वोट मिले थे. अमित शाह से पहले साल 2014 में लालकृष्ण आडवाणी ने गांधीनगर से जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के ईश्वरभाई पटेल को भारी मतों से हराया था. साल 2019 में गांधीनगर सहित गुजरात की सभी 26 सीटों पर बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की थी. यहीं नहीं साल 2014 में भी बीजेपी ने सभी सीटों पर जीत हासिल की थी।

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