Category: ब्लॉग

मोबाइल के बाहर भी हैं वाट्सएप विश्वविद्यालय

अशोक शर्मा पिछले करीब दस वर्षों से भारत में वाट्सएप यूनिवर्सिटी के तो खूब चर्चे होते आये हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को पता था कि इसके समांतर ही देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के जरिये भी ज्ञानगंगाएं प्रवाहित हो रही है जो युवाओं को उसी तरह से दीक्षित कर रहे हैं जैसे कि वाट्सएप विवि। […]

घातक प्रभावों से सुरक्षा मानवीय अधिकार

सुभाष कुमार यह जानते हुए भी कि प्रकृति के साथ इंसानी क्रूरता से उपजे ग्लोबल वार्मिंग संकट ने हमारे दरवाजे पर दस्तक दे दी है, हमारी सरकारें इस गंभीर चुनौती के मुकाबले को लेकर उदासीन नजर आती हैं। आज दुनिया में हर साल करोड़ों लोगों को अतिवृष्टि, अनावृष्टि, सूखे, बाढ़ व चक्रवातों की वजह से […]

आयुष्मान भारत की यात्रा

ममता सिंह बीते तीस अप्रैल को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जिसे आयुष्मान भारत योजना के नाम से भी जाना जाता है, के छह वर्ष पूरे हो गये। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर 50 करोड़ से अधिक लोगों को पांच लाख रुपये के सालाना स्वास्थ्य बीमा मुहैया करायी जा रही है। उल्लेखनीय है […]

जल संकट- जीवन एवं कृषि खतरे में

 – ललित गर्ग मानवीय गतिविधियों और क्रिया-कलापों के कारण दुनिया का तापमान बढ़ रहा है और इससे जलवायु में होता जा रहा परिवर्तन। जो मानव जीवन के हर पहलू के साथ जलाशयों एवं नदियों के लिए खतरा बन चुका है। जलवायु परिवर्तन का खतरनाक प्रभाव गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र  सहित प्रमुख जलाशयों और नदी घाटियों […]

हादसों की खूनी सड़कों पर डरावनी रिपोर्ट

 -ललित गर्ग सड़क हादसों पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की डरावनी, चिन्ताजनक एवं  भयावह रिपोर्ट आई है। इसके मुताबिक, पिछले साल 4.61 लाख सड़क हादसे हुए। इन दुर्घटनाओं में 1.68 लाख लोगों ने जान गंवाई। इन आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि तकरीबन हर एक घंटे में 53 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। […]

तबाही ला सकती हैं ग्लेशियर झीलें

विनोद कुमार पिछले साल सिक्किम में लहोनक ग्लेशियर झील फटने की घटना पुरानी नहीं है जिसमें 180 लोगों के मरने व पांच हजार करोड़ के नुकसान की खबर थी। इसी तरह केदारनाथ में चौराबाड़ी ग्लेशियर झील फटने से हजारों लोगों की जल प्रलय में मौत हुई थी। 2021 में उत्तराखंड की नीति घाटी में ग्लेशियर […]

सेल्‍फी के लिए आए दिन युवाओं की जा रही जान

अमन भारत वीडियो बनाने के दौरान ऐसा लगता है कि विवेक का उपयोग करने के बजाय इस तरह की भेड़चाल में शामिल हो गए लोगों के पास सही वक्त पर फैसला लेने की क्षमता भी नहीं बचती और इसी क्रम में वे किसी जानलेवा हादसे का शिकार हो जाते हैं। अपनी दिलचस्पी या फिर खुशी […]

आरक्षण का मुद्दा गरमाया

चुनाव प्रचार में इन दिनों आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। प्रारंभिक तौर पर आरक्षण को सबसे निचले वर्गों की जातियों को आर्थिक तथा राजनीतिक संबल प्रदान करने के लिए वैधानिक तौर पर आरक्षण प्रदान किया गया था। बाद में आरक्षण का विस्तार होता गया और इसमें नये-नये जाति समूह शामिल होते चले गए।आरक्षण प्राप्त […]

जंगलों में आग, तबाही के बाद ही होते हैं बचाव और सुरक्षा को लेकर सचेत

उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की यह कोई पहली या नई घटना है। हर वर्ष गर्मी में कई जगहों पर आग लगने की वजह से आसपास का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। इस बार तापमान में बढ़ोतरी के साथ अभी ही राज्य में पांच सौ से ज्यादा आग लगने के मामले सामने आ चुके […]

सामाजिक-आर्थिक विकास का वाहक बन रहा मध्यम वर्ग

 -डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा माने या ना माने पर इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी भी देश के आर्थिक-सामाजिक विकास में मध्यम वर्ग की प्रमुख भूमिका रही है। यह केवल हमारे देश के संदर्भ में ही नहीं अपितु समूचे विश्व की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं का अध्ययन किया जाएगा तो कारण यही सामने आएगा। सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों […]

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